*एग्री वर्ल्ड साप्ताहिक बाजार समीक्षा*
*तुअर के भाव में गिरावट; कमजोर उत्पादन दे सकता है सहारा*
मुंबई (एग्री वर्ल्ड) - तुअर दाल में सुस्त लेवाली के साथ स्टॉकिस्टों द्वारा ऊँचे भाव पर धीमी ग्राहकी के कारण तुअर के भाव देश के अधिकाँश बाजारों में कमजोरी के साथ कारोबार करता देखा गया। स्टॉकिस्ट जो इस माह के शुरूआती दो सप्ताह के दौरान सक्रिय दिख रहे थे इस सप्ताह के शुरुआत से ही सतर्कता के साथ कारोबार कर रहे थे।
लेमन तुअर का भाव मुंबई दलहन बाजार ने इस सप्ताह लगभग 75 रुपये की गिरावट के साथ शुक्रवार को 4750 रुपये प्रति क्विंटल पर कारोबार करता देखा गया था। अकोला मंडी में तुअर का भाव बीते शुक्रवार को बिल्टी में 5350-5375 रुपये प्रति क्विंटल, जोकि एक सप्ताह पहले 5600-5625 बिकी थी।
देश के कई अन्य प्रमुख मंडियों में भी कामकाज कुछ इसी प्रकार सुस्त रहा था। तुअर के भाव मुख्य सीजन के समय 15-20% बढ़ गए थे और इसलिए लेवाल अब थोड़ा हिचक रहा है, हालांकि जानकारों की माने तो तुअर में बड़ी गिरावट की संभावना कम है इसका प्रमुख कारण देश और बर्मा में उत्पादन में भारी गिरावट होना बताया जा रहा है।
विशेषज्ञों की राय में इस वर्ष देश में तुअर का उत्पादन 22-24 लाख टन रह सकता है, जोकि पिछले वर्ष 37-39 लाख टन था।
नाफेड के पास भी अभी लगभग 5.75 से अधिक तुअर पड़ी है और कुछ तुअर प्राइवेट कारोबारियों के हाथ में भी है। 2019 तुअर सीजन (जनवरी-दिसंबर) के लिए तुअर की उपलब्धता अनुमानित आयात 1.50-2 लाख टन मिलाकर 32 लाख टन होने की संभावना है, जोकि घरेलु खपत के आसपास है।
देश की प्रमुख तुअर उत्पादक मंडियों में आवक कमजोर है और जानकारों का मानने इस सीजन तुअर की आवक फरवरी अंत तक ही रहेगी।
नाफेड ने अब तक इस सीजन टेलनगना में 35,666 टन तुअर की खरीदी की है।
सप्लाई-डिमांड के आंकड़े देखने पर ऐसा लगता है की तुअर में वर्तमान में बड़ी गिरावट की संभावना कम ही है, जबकि इसके भाव में तेजी तुअर दाल की मांग के साथ साथ सरकारी आयात-निर्यात के साथ नाफेड की बिकवाली पर निर्भर है।
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