*कमजोर संकेतों से हाजिर में चना नरम*
*मुंबई (एग्री वर्ल्ड)* - दालों में मीलों की सुस्त मांग, देश में पर्याप्त चने का स्टॉक, नई फसल की बढाती आवक और वायदा में कमजोरी के कारण देश के अधिकाँश बाजारों में आज चना में सुस्त कारोबार देखा गया।
दिल्ली में चना जहां घटकर 4350 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ, वही इंदौर और बीकानेर में भी चना 25 रुपये की गिरावट के साथ 4200-4225 और 4150 रुपये रहा। उत्तर प्रदेश के कानपुर में भी 25 रुपये घटकर 4425 रुपये प्रति क्विंटल बोला गया।
चना में गिरावट का मुख्य कारण दालों में सुस्त ग्राहकी बताई जा रही है। इसके साथ-साथ बाजार में पैसे की तंगी का भी सामना करना पड़ रहे।
आज देश की प्रमुख 22 मंडियों में चना की कुल आवक 2640 टन रिकॉर्ड की गई, जोकि शुक्रवार के 2250 टन की टूना में अधिक रहा।
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चना मार्च वायदा पिछले सप्ताह 1% बढ़कर बंद हुआ, पर आज 1% की अधिक की गिरावट के बाद भाव फिर वहीं पहुँच गए। मार्च वायदा 1%, या 43 रुपये घटकर 4230 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
खामगाव के एक चना दाल मिलर ने बताया की दालों में मांग पिछले कुछ दिनों से बेहद कम है। लोग सिमित खरीदी कर रहे हैं और पैसे को भुगतान भी सही समय पर नहीं हो रहा है।
पिछले हफ्ते चना वायदा में कुछ उछाल बना था लोग पूछपरख कर रहे थे पर आज की गिरावट के बाद वो भी गायब है।
जानकारों के अनुसार नया चना का प्रेशर बढ़ रहा है और नाफेड के बिकवाली का भी ऐसे में चना के भाव में गिरावट कुछ और गिरावट बने तो अचरज की बात नहीं।
एग्री वर्ल्ड ने देश के चना उत्पादक राज्यों में कई लोगों से बात की तो पाया की महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में चना का उत्पादन कम होना लगभग तय है, जबकि मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश पिछले वर्ष जितना चना दे देंगे।
चने की फसल के लिए फिलहाल मौसम सभी जगह अनुकूल है।
नाफेड के पास अभी भी 20 लाख टन से अधिक चना का स्टॉक है, जोकि मीलों की मांग पूर्ति करता रहेगा।
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